Wednesday, November 26, 2008

वो.....


मैं जब तृतीय वर्ष में पढ़ रहा था

मैं ने ये लिखा था .......







5 comments:

रचना गौड़ ’भारती’ said...

good suspense
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है। आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे । हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

Anonymous said...

ब्लॉग जगत में स्वागत है

अब, आज 27 नवम्बर के दिन
आईये हम सब मिलकर विलाप करें

Unknown said...

wahh ji wahh tussi to chha gaye...badhai ho....mere blog par bhi padharen...


Jai Ho Magalmay HO....

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

kalyan ho, narayan narayan